तितली रानी बड़ी सयानी
उड़ जाती कर आनाकानी
हाथ न आती, न पास मेरे।
माँ मुझको वह तितली लादे
रंग बिरंगी प्यारी यादें
खूब हँस, संग खेलूँ उसके
करलूँ थोड़े प्यारे वादे।
नाम-अशोक बाबू माहौर
तितली रानी बड़ी सयानी
उड़ जाती कर आनाकानी
हाथ न आती, न पास मेरे।
माँ मुझको वह तितली लादे
रंग बिरंगी प्यारी यादें
खूब हँस, संग खेलूँ उसके
करलूँ थोड़े प्यारे वादे।
नाम-अशोक बाबू माहौर
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