Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

कोई आवाज़

 

कोई आवाज़ न सुन सका फिर तेरी सदा के बाद |
जेहन मे तुम ही तुम हो बस मेरे खुदा के बाद ||

 

 

 

Ashvani Kumar Singh

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ