Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अभी तुम याद आते हो कोई फिर याद आएगा

 

अभी तुम याद आते हो कोई फिर याद आएगा,
मेरे जेहन में हरदम इक सितारा झिलमिलाएगा,


फकत इस बात पे हैरां न हो दिल अब भी रोता है,
मेरी मानो तुम्हारे सामने ये गिड़गिड़ाएगा,


ग़ज़ल मेरी कहानी इश्क़ की दोहरा रही होगी,
यहाँ हर शख़्स मखते में तुम्हारा नाम पाएगा,


तुम्हारा दर्द इतना हैं, तुम्हे हम याद करते हैं,
ये ऐसा जख्म है जो उम्र भर ही बिसबिसाएगा,


न भूले से हमारा ख्वाब आँखों में बुला लेना,
बड़ा टूटा है तुमको देखते ही तिलमिलाएगा,


मैं हारा हूँ मोहब्बत में मगर तुम खुश नहीं होना,
कहानी जानकर, तुमसे ज़माना खार खाएगा,


मेरा बस नाम अंकुर है नहीं फितरत मगर वैसी,
कभी तुम आजमा लेना भरम हर टूट जाएगा,

 

 

"अस्तित्व अंकुर

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