तेरे हुस्न के दीदार की ख़ातिर
कहीं ये चाँद भी ना झुक जाये,
कि अब और इन्तज़ार ना कराओ ऐसे,
यूँ तेरे इन्तज़ार में मेरी सांसे ना रुक जाये॥
है दिल में असीम प्यार पर बताने से डरते हैं,
रुसवा ना हो जाये वो जो इस ज़माने से डरते हैं|
शायद वो भी करते हैं मोहब्बत हमसे,
पर वो शायद हमे आजमाने से डरते हैं||
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