Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आया राखी का त्यौहार

 

आया राखी का त्यौहार
चाहत खुशियां बंध्न प्यार।
आया राखी का त्यौहार।
सावन की पूर्णिमा उन्मेष।
आशीर्वाद देते हैं गणेश।
भाई-बहना का इकरार।
आया राखी का त्यौहार।
बहना का तिलक स्नेह मिले।
सच्चे संकल्पों के फूल खिले।
मंगलकारी शुभ सत्त्कार।
आया राखी का त्यौहार।
यह दिन दृष्टि परिवर्तन का।
रिश्तों में पूजा अर्चन का।
आत्त्म दृष्टि में परिवार।
आया राखी का त्यौहार।
खिलते चारों ओर तबस्सुम।
अरूणोदय में एक तरन्नुम।
प्रतिष्ठित रानोदय गुलनार।
आया राखी का त्यौहार।
मात-पिता का अंर्तनाद मिले।
शुभ मंगल आशीर्वाद मिले।
जैसे देवालय के दीदार।
आया राखी का त्यौहार।
फसलों में दिव्य श्रृंगार।
मौसम का टूटा हंकार।
संदली मंजर है तैयार।
आया राखी का त्यौहार।
सर्द ट्टतु का है अभिवादन।
संपूर्ण होता है सावन।
उमस नहीं करती तकरार।
आया राखी का त्यौहार।
अतुल्य मौसम का अभिनंदन।

शश्रूषा की होती है वर्षा।
भारत मां के यह संस्कार।
आया राखी का त्यौहार।
इस त्यौहार में आत्मतुष्टि।
सौंदर्य के प्रभुत्त्व में दृष्टि।
कृविक के भरते भंडार।
आया राखी का त्यौहार।
देवालयों में दीप शिखा है।
चारों ओर रूपवान दिशा है।
उमड़ रहा स्नेह का श्रृंगार।
आया राखी का त्यौहार।
‘बालम’ खुलते मंगल द्वार।
यह दिन सबको देता प्यार।
रिश्तों का माध्ुर्य सभ्याचार।
आया राखी का त्यौहार।
बलविन्दर ‘बालम’ गुरदासपुर
ओंकार नगर, गुरदासपुर ;पंजाबद्ध
मोः 98156-25409


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