देखो तितली उड़ती जाए
रंगों की रानी कहलाए।
सुरभि के संग उड़ती जाए।
सब बच्चों के मन को भाए।
देखो तितली उड़ती जाए।
प्यार करे सत्कार सीखावे।
न किसी को दुख पहुँचावे।
रोते बच्चे को हँसाए।
देखो तितली उड़ती जाए।
इसकी फूलों तक उडारी।
कितनी सुन्दर, कितनी प्यारी
तेज़ हवाओं से घबराए।
देखो तितली उड़ती जाए।
आत्मबल विश्वास में रहती।
सबको है अभिबादन करती।
चुप रहती, ना शोर मचाए।
देखो तितली उड़ती जाए।
सुन्दर पलकों की प्रतीक।
इन्द्रधनुष की है यह रीत।
झील में जैसे चाँद लहराए।
देखो तितली उड़ती जाए।
उड़न खडोले इस के जाए।
इससे खोज, तरक्की पाए।
दुनियां के कई रंग दिखाए।
देखो तितली उड़ती जाए।
सुन्दरता इस की अनुयाई।
रंगों की करती अगुवाई।
‘बालम’ सबका मन भरमाए।
देखो तितली उड़ती जाए।
बलविन्दर ‘बालम’ गुरदासपुर
ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब)
मो. 9815625409
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