Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

झील किनारे बसा भव्य शहरःचैस्टरमे

 

झील किनारे बसा भव्य शहरःचैस्टरमेरे ;कनेडाद्ध
एडमिंटन ;कनेडाद्ध से मैं तथा डाॅ. हरिन्रपाल ने प्रयोजन बनाया कि कैलगरी शहर के नज़दीक झील किनारे पर बसा एक ख़ूबसूरत छोटा सा शहर ‘चैस्टरमेरे’ है। क्यों ना इसको देखने जाया जाए।
हमने कैलगरी के मशहूर 106.7 एफ.एम. रेडियो के न्यूज़ रीडर सतेन्दर सुकरात को फ़ोन मिलाया। उससे ‘चैस्टरमेरे’ शहर की ख़ूबसूरती के सम्बंध् में बातचीत हुई तो उसने कहा कि आप शनिवार को कैलगरी मेरे निवास स्थान पर आ जाओ।
मैं तथा डाॅ. हरेन्दरपाल हम एडमिंटन से अपनी कार लेकर लगभग तीन घण्टे का सफर तय करके कैलगरी सतेन्दर सुकरात के निवास स्थान सैटल स्टोन क्षेत्रा में पहुंच गए।
सुबह हम तीनों कैलगरी से कार के जरिए लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करके पूर्व की ओर एक ख़ूबसूरत जन्नतनुमां झील के किनारे बसा शहर ‘चैस्टरमेरे’ पहुंच गए।
जन्नत की कल्पना का सृजनात्मक मंडल विधन है झील किनारे बसा शहर ‘चैस्टरमेरे’। हमने गाड़ी एक साईड पार्किंग में लगा दी। दूर-दूर तक झील के निर्मल स्वच्छ, शु( पानी की आटमीयता से संवेदनशीलता की तरलता का अहसासा होने लगा। कुदरत का अस्तित्व तथा ख़ूबसूरती की आध्यात्मिकता और सुखद शांती की आस्था से खींचा आत्मिक-आंतरिक ऊर्जा स्त्रोत है।
झील के किनारों की दोनों ओर भव्य शिल्प कला में निपुन्न घरों की पंक्तियां, छोटी-छोटी सूक्ष्मताओं तथा महत्वपपूर्ण दृश्य कलात्मिक प्रस्तुति उजागर कर रहीं थीं।
किनारों के साथ-साथ झील के पानी को चूमती घरों की दहलीज़ें तथा पीठ तत्त्व दूर से एैसे प्रतीत हो रहे थे जैसे कुदरत के दरवाज़े के प्रवेश द्वार जन्नत के बंदनवार सजाए हों।
आंखों के प्रवेश द्वार जरिए दिल, दिमाग़, रूह ;आत्माद्ध में एक सुकून, शालीनता तथा गरिमा का सृष्टि आनंद सारे शरीर को आकर्षण के माध्यम से प्रतिबिम्बों तथा मूर्त बिम्बों से माला माल कर देता।
झील के साथ-साथ घरों की लम्बाई की सुन्दर पंक्तियां, भव्य शैली में कई प्रजातियों के छोटे-बड़े तरतीबनुमां वृक्ष, कई जातियों तथा रंगों के अदभुत भव्य फूल, बाग़-बग़ीचे, आकर्षक सुविधजनक पार्क, हरे-भरे गद्देदार मख़मली घास वाली भूमि की मनोहर खट्टðी-खट्टðी खुश्बू, गोरे-गुलाबी रंग के शांतमई स्वभाव वाले तंदरूस्त-पुष्ट लोग, चारों ओर सफाई-स्वच्छता का भव्यता के दृश्यों ने नवीन सुन्दरता प्रदान करके जन्नत को जैसे अभिवादन की मुद्रा में खड़े कर दिया हो।
यहां कण-कण-क्षण-क्षण में सफाई अपने अस्तित्व को स्पष्टता में सुनिश्चित करके जन्नत के दरवाज़े खोल देती है। चैस्टरमेरे शहर प्रकृति तथा विज्ञानिक कला सृजना का नवीनतम-परिधन में जन्नत का परायवाची है।
सदियों पहले यह स्थान केवल एक बे-आबाद, ऊबड़-खाबड़ झील ही थी। उस समय कुछ किसानों ;कृषकोंद्ध ने खेतीबाड़ी ;कृषिद्ध मनोरथ से अपना कारोबार ;जिजीविषाद्ध शुरू किया। झील के क्षेत्रा को आजाद करने में बहुमूल्य योगदान डाला।
जब कि कनेडियन रेलवे विभाग 1880 में स्थापित हुआ। रेलवे के रूझान करके ही एक झील के इर्द-गिर्द लोग बसने शुरू हुए। आहिस्ता-आहिस्ता लोगों ने झील के संपर्क रास्ते बनाने शुरू कर दिए।
1907 में डैम तथा नहरों की योजना आरम्भ हुई। नहरों के लघु संगम को झील के रूप में बदल दिया। इसके पानी का सद्ोउपयोग होने लगा। समय की करवट से यह झील मनोरंजन का साध्न बनती गई।
लोगों ने ज़िला नहरी विभाग से झील किनारे वाली ज़मीन ‘लीज़’ पर लेनी शुरू कर दी तथा लोगों ने छोटे-छोटे घर बनाने शुरू कर दिए। गर्मियों की छुट्टिðयों में मालिक अपने सपरिवार यहां आकर दिन व्यतीत करते।
रिहायशी मालिकों ने 1959 के करीब मिलकर 50 सदस्यों की एक सोसायटी बना ली। इस प्रयोजन करके अनेक सरकारी सुविधएं मिलनी शुरू हो गईं। सड़कों, सम्पर्क रास्तों, पग-डंडियों का सुविधपूर्वक निर्माण हो गया। फिर यहां के मालिकों को पक्के ;स्थिरद्ध तौर पर ज़मीन अलाट हो गई।
1977 में सबसे पहले 120 ;एक सौ बीसद्ध पक्के रिहायशी घर बनाए गए तथा इस स्थान का नाम ‘समर हिल्ज़ चैस्टरलेक’ रखा गया। फिर राजनीतिक तथा म्यूंस्पिल कारपोरेशन की मदद से सभी भौतिक, दैहिक, व्यापारिक, सामाजिक ज़रूरतें अस्तित्त्व में आ गईं।
1992 में यहां की जनसंख्या बढ़ने लगी। तथा 1043 पक्के रिहायशी घर हो गए। मार्च 1, 1993 को सरकारी तौर पर मान्यता मिली तथा इस स्थान का नाम ‘दा-टाऊन-आॅफ-चैस्टरमेरे’ रख दिया गया।
2014 में इसकी आबादी ;जनसंख्याद्ध लगभग 17203 हो गई। तथा यह स्थान एक जन्नतनुमां-भव्य शहर बन गया। यहां के विज्ञानियों ने प्रकृति की मेहरबानियों को और मालामाल करने के लिए आध्ुनिकता का सहारा लेकर, नवीन आविष्कारों के बलबूते पर कलात्मिक विध्यिों को, यहां की भूमि को भव्य बलशाली, समानता, शांति, नैतिक भावना, उर्वर, तथा अनेकानेक नायाब उपलिब्धं देकर प्रकृति तथा मानवतावादी का सौहर्दयपूर्ण चिर स्थाई उत्सव बना दिया।
इस स्थान को ‘रौकी व्यू कंटरी’ भी कहते हैं। क्योंकि इसके इर्द-गिर्द दूर-दूर तक पर्वतीय क्षेत्रां का बास है। अल्बर्टा ;कनेडाद्ध स्टेट के भव्य पहाड़ी क्षेत्रा-कैनमोर, जैसपर, बैंफ, लेकलूई, नेलमाऊट आदि इसके समीप हैं। इनकी पहाड़ियां दूर से नज़र आती हैं।
लगभग पांच मील लम्बी इस झील में किश्तियां, मछली पकड़ना, स्केटिंग, साईकिंग, तथा अन्य और पहाड़ी खेूल क्रियाओं की भरमार है। अनेक उत्त्सवों का संगृह। सर्दियों में भी अनेक बर्फीली क्रीड़ा क्रियाएं होती हैं।
झील के आर-पार सूयोदय तथा सूर्योस्त के दिव्य मनोहर दृश्य देखने योग होते हैं। अंध्ी बरसात के अस्तित्त्व में इन्द्रध्नुषों का समूह अपनी सुषमा को अलंकारित करके झील की भव्यता को चार चांद लगा देता है। बच्चों के लिए यह स्थान जादू की छड़ि जैसा, अदभुत, जिज्ञासामई, आत्मभावी, प्रीती, स्मृति, मैत्राीभाव का मर्मस्पर्शी स्थान। यह प्रसि( पिकनिक स्थान स्वर्ग का परायवाची है।

बलविन्दर ‘बालम’ गुरदासपुर
ओंकार नगर, गुरदासपुर ;पंजाबद्ध
एडमिंटन, कनेडा वाॅट्स ऐप 98156-25409


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ