ग़ज़ल
किस-किस ने अम्बर को लूटा हम बतलाएंगे।
इक-इक तारा कैसा टूटा हम बतलाएंगे।
अपने ख़ून पसीने से कैसे-कैसे सींचा
इस गुलशन का हर इक बूटा हम बतलाएंगे।
आंधी ने हर बार बुझाया जलते दीपक को
लोगों का क्यों गुस्सा फूटा हम बतलाएंगे।
सारे शहर मुहल्ले का जीना दुर्लभ कर रखा
चोरों को लोगों ने कूटा हम बतलाएंगे।
बालम रिश्वत की भी कोई सीमा होती है
न्यायालय से वो कैसे छूटा हम बतलाएंगे।
बलविंन्दर बालम गुरदासपूर
ओंकार नगर गुरदासपुर पंजाब
एडमिंटन कनेडा]
W- 98156-25409
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