ग़ज़ल
लोगों के जो दुःख सुख बांटे शायर है।
राहों के सब चुन लें कांटे शायर है।
गुलशन में हरियाली आने से पहले,
सूखे सूखे पत्ते छांटें शायर है।
कोठे की छत पर कौउए की कां कां को,
दिल में पाए और ना डांटे
शायर है।
नींबू जैसी नफरत बालम डाले ना,
दूध मलाई इक कर फांटे शायर है।
बलविंदर बालम ओंकार नगर गुरदासपुर पंजाब वटस आप+919815625409
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