ग़ज़ल
पंच दरियाओं का दीदार कुरता चुनरी और सलवार।
किधर गया वह सभ्याचार कुरता चुनरी और सलवार।
देश विदेशों में है इस की विलक्षण इक पहचान,
अपनी माटी का सत्कार कुरता चुनरी और सलवार।
रंगबरंगी फसलों के अलंकार गवाही भरते,
सुन्दर नारी का श्रृंगार करता चुनरी और सलवार।
अपनी मौलिकता में नीति प्रीति वाला नाता,
पश्चिमी सभ्यता से इन्कार कुरता चुनरी और सलवार।
भारत एंव भारतीयता का इस में अक्स दिखे,
अजब पिछोकड़ का भण्डार कुरता चुनरी और सलवार।
विकसित भाषा के सृजन में विभिन्न शिल्प विधाएं,
पद्य-गद्य रस रंग का अलंकार कुरता चुनरी और सलवार।
संयोजक रंगों की गहराई एक मुसव्विर कहता,
चित्रकला का है आधार कुरता चुनरी और सलवार।
बापू की पगड़ी का एंव माता भाई बहनों का,
भव्य धरोहर है किरदार कुरता चुनरी और सलवार।
संपूर्ण भारत दिखता सभ्यता की उँचाई में,
सुन्दर दिखती है जब नार कुरता चुनरी और सलवार।
सुन्दरता अनुराग विपासा की उपमा रस रंगी,
जंचते गहनांे में श्रृंगार कुरता चुनरी और सलवार।
पहनावे से कर्मों, धर्मों, देशों की पहचान दिखे,
एक विलक्षण है संसार कुरता चुनरी और सलवार।
अर्ध नग्न अवस्था वाला है पश्चिमी पहनावा,
शर्म हया की एक दीवार कुरता चुनरी और सलवार।
सूरज चाँद सितारे दीपक इस के आगे धंुधले,
यह भारतीय सभ्याचार कुरता चुनरी और सलवार।
‘बालम’ बेटियों के हाथों में इज्ज़त की सरदारी,
गुम हो जाए ना संस्कार कुरता चुनरी और सलवार।
बलविन्दर ‘बालम’ गुरदासपुर
ओंकार नगर गुरदासपुर (पंजाब)
सर्म्पक – 9815625409
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