Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

रिश्ते नातों में सर्वोत्तम प्यार होती लड़कियां

 

गज़ल

रिश्ते नातों में सर्वोत्तम प्यार होती लड़कियां।
घर की सुष्मा के लिए सत्कार होती लड़कियां।
अब तो अपने दायित्व पर सागरों की सतह पर,
आर होती लड़कियां और पार होती लड़कियां।
चमन को फिर खूबसूरत जिंदगी हैं बख्शतीं,
पतझड़ों की फसल में इकरार होती लड़कियां।
अगर चाहें तो तख्तओ ताज तक भी रौंद दें,
जुल्म अत्याचार में तलवार होती लड़कियां।
शोख, चंचल प्यार और इतबार का मिश्रण भी है,
रेशमी धागे की इक दीवार होती लड़कियां।
मालियों के प्यार में आयु के लम्बे सफर में,
खिल रहे फूलों का इक गुलजार होती लड़कियां।
चांद तारों के ऊपर जाती हैं ज्ञान विज्ञान से,
धरत और खागोल के जब पार होती लड़कियां।
सिर्फ सूई मूई नहीं हैं जिंदगी की शाख पर,
बदसलूकी में तो तीखे खार होती लड़कियां।
जब कभी मुश्किल बने तो परख कर के देख लो,
करनी कथनी में सदा दिलदार होती लड़कियां।
पौ फुटाले में जैसे जन्नत दिखे है दूर तक,
इस तरह भगवान का दीदार होती लड़कियां।
देश की सरहद ऊपर पहरा देती हैं रात दिन,
शेर जैसी गरज़ की ललकार होती लड़कियां।
मायके ससुराल के लिए मान और सम्मान है,
पर पति के प्यार में श्रृंगार होती लड़कियां।
जिंदगी खुशहालियों के ताज है फिर पहनती,
फुट रहे जब निर्झरों का हार होती लड़कियां।
डूब जाती कश्तियों को पार कर ले जाती हैं,
सागरों के बीच खेवनहार होती लड़कियां।
आन होती शान होती मान होती हैं सदा,
शुभ मंगल शुभ शगुन बंदनवार होती लड़कियां।
जिगर का टुकड़ा, सदा अभिभावकों के वास्ते,
मुख का पेड़ा मक्खनी, कंचनार होती लड़कियां।
पीढ़ियों का अस्तित्व इन से ही है संसार में,
इसलिए संसार में संसार होती लड़कियां।
देश की हर चीज बालम इन से ही ख़ुशहाल है,
वक्त का किरदार सभ्याचार होती लड़कियां।

बलविन्दर बालम गुरदासपुर
ओंकार नगर गुरदासपुर (पंजाब)

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ