Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सौंदर्य का प्रभुत्व प्यारा

 

गीतिका

सौंदर्य का प्रभुत्व प्यारा।

जग से न्यारा देश हमारा।

अभिवादन करता अरूणोदय।

दरिया, पर्वतों में ज्ञानोदय।

धरती ने अतिरूप संवारा।

जग से न्यारा देश हमारा।

जन्नत जैसी दृश्यावलियां।

रिश्तों में हैं खुशबू कलियां।

अविभाज्य है मौसम सारा।

जग से न्यारा देश हमारा।

विभिन्न रंगों के इन्द्रधनुष।

रिश्तों का संग्रह है मनुष्य।

अनिवर्चनीय आनंद उतारा।

जग से न्यारा देश हमारा।

‘बालम’ यह है वैकुण्ड मनोहर।

देवालय, जाहनवी सरोवर।

उत्सव की है भूमि सारी

जग से न्यारा देश हमारा।

       बलविन्दर ‘बालम’ गुरदासपुर

                ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब)

                मो. 9815625409



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