गीत
तेरे मन में राम मानव
ढूढ़ रहा तू बस्ती बस्ती।
ढूढ़ रहा तू हस्ती हस्ती।
सुबह सवेरे शाम मानव।
तेरे मन में राम मानव।
दीन दुखी की सेवा कर ले।
शुभ कर्मों से झोली भर ले।
ईश्वर का पैगाम मानव।
तेरे मन में राम मानव।
नाम हरि का घुट-घुट पी ले।
सुन्दर दुर्लभ जीवन जी ले।
भर-भर के तू जाम मानव।
तेरे मन में राम मानव।
रिश्वत भ्रष्टाचार बुरा है।
बदनामी का हाथ बुरा है।
अच्छे कर ले काम मानव।
तेरे मन में राम मानव।
मन्दिर मस्जिद गुरूद्वारे।
एक ज्योति से उपजे सारे।
चेरो ओर हैं धाम मानव।
तेरे मन मंे राम मानव।
सबसे ऊंचा नेक कर्म है।
सच्चाई ही एक धर्म है।
रहना है सत्य नाम मानव।
तेरे मन में राम मानव।
आंखें खोल के भीतर झांक।
हरि-हरि बोल के भीतर झांक।
कण-कण में उसका नाम मानव।
तेरे मन में राम मानव।
प्रेम भाव से रहना सीखें।
सबको अपना कहना सीखें।
’बालम‘ का पैगाम मानव।
तेरे मन में राम मानव।
बलविन्द्र बालम गुरदासपुर
ओंकार नगर गुरदासपुर (पंजाब)
मोबाईल 9815625407
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