विश्व प्रसिद्ध( स्थान: वाटरटन लेकस नैशनल पार्क शहर ;कनेडाद्ध
चलो चलें झील के रास्ते कनेडा से अमेरिका की सरहद् तक
कनेडा की प्रसि( स्टेट अल्बर्टा के अंतरगत आता है विश्व प्रसि( पहाड़ों, झीलों, निर्झरों, जंगलों, नद-नदियों का अद्भुत, रमणीक, अलौकिक शहर ‘वाटरटन लेकस नैशनल पार्क’।
इस स्थान में पहुंचने के लिए एडमिंटन से छह घण्टे तथा कैलगरी से तीन घण्टे लगते हैं। कार में यह सफर मंज़िल तक मर्मस्पर्शी तथा आकर्षण रखता है। दूर-दूर नीम पहाड़ी रास्ता। अलबत्ता बिल्कुल सीध्ी सड़कें। कोई अंध मोड़ नहीं। कनेडा में आप अपनी मर्ज़ी से गाड़ी नहीं चला सकते क्योंकि सड़क की दाईं ओर निर्धरित स्पीड बोर्ड लगे हुए हैं। निर्धरित स्पीड़ बोर्ड के अनुसार ही आप स्पीड़ कम या ज्यादा कर सकते हैं, अपनी मर्ज़ी से नहीं। यहां जी.पी.एस. ;ग्लोबिल पोज़िशनिंग सिस्टमद्ध के निर्देश से गाड़ी चलाना और भी आसान हो जाता है, इसके अतिरिक्त गुज़ारा ही नहीं।
जंगलों में बसाया यह शहर पहाड़ों से तालमेल बनाता हुआ विभिन्न अनेक प्रकृत्यतीत सर्वोच्किृष्ट दृश्य पेश करता है। अमेरिका के पहाड़ी क्षेत्रा वाले शहर मोनटाना की सरहद् से संयुक्त ;सांझाद्ध तालमेल बनाता है। यह सारा शहर 140 किलोमीटर के घेरे में बसा हुआ है।
हज़ारों वर्ष पहले इस जंगली स्थान में झीलों के किनारे ‘कुटेनई’ कबीले के लोग रहते थे। उस समय इस झील को ‘कुटीने लेकस’ कहते थे। इन तीन झीलों के सुमेल को ‘वाटरटन’ का नाम दिया गया। यह तीनों झीलें आपस में अंगीकार हैं, जो विशाल लम्बी झील का रूप अख़्तियार करती है। इस झील की लम्बाई लगभग 80 किलोमीटर है, जिसका एक सिरा वाटरटन शहर से तथा दूसरा सिरा अमेरिका की पहाड़ियों में जाकर खत्म होता है।
दाईं ओर कनेडा तथा बाईं ओर अमेरिका की पहाड़ियां अभिवादन करती हैं तथा बीच में संयुक्त ;सांझीद्ध झील, सांझी सरहद्ी अरितत्त्व को मानतावादी के चिन्ह् प्रदान करती हुई शान्ति तथा विश्व भाईचारे सहिष्पुता, शान्ति का संदेश देती प्रतीत होती है।
इस झील का नाम इतिहासकार खोजी बलेकिसटन ने ब्रिटिश प्रकृति विज्ञानी चार्लस वाटरटन के नाम पर ‘वाटरटन’ रखा।
आरम्भ में यह स्थान कनेडा का प्रथम राष्ट्रीय पार्क था परंतु समय की करवट तथा नऐं सृजनात्मिक अदभुत अन्य स्थानों के अस्तित्व करके आजकल वाटरटन स्थान कनेडा का चतुर्थ ;चैथाद्ध राष्ट्रीय पार्क है। अमेरिका-कनेडा की यह पहाड़ी झीलनुमां भव्य सरहद् सबसे बड़ी है। यह स्थान वातावरण का सबसे अध्कि मान्यता प्राप्त निशान बनाता है।
6 दिसम्बर 1995 को वाटरटन ग्लेसियर इन्टरनैशनल पीस पार्क को अध्किारित तौर पर एक यूनेस्को वल्र्ड हैरीटेज़ साईट नामजद किया गया। इसको वातावरण की भिन्नता, इसके सहयोग तथा सर्वोत्तम इच्छा शक्ति के नमूने ;ध्रोहरद्ध के तौर पर लिया गया। यह एक अनोखा विश्वव्यापी ख़ज़ाना है। ‘रोटरी इन्टरनैशनल’ की तरफ से सर चालर्स आर्थर मंडेर द्वारा यह सरहद्ी सांझीदारी विश्व शान्ति को समर्पित की गई। आज यह शहर संयुक्त राज्य तथा कनेडा के लोगों के दरम्यान शान्ति तथा मित्राता के बंध्न का भव्य प्रतीक है। इस स्थान को विश्व विरासत वाली अद्भुत सुंदर जगह के स्वरूप में मनोनीत किया गया है।
यह स्थान वाटरटन, कनेडा का दूसरा बायोसपिअर रिज़र्व तथा यूनेस्को के प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाला प्रथम कनेडियन राष्ट्रीय पार्क भी है। दुनिया में इस तरह की कोई और जगह नहीं है।
शहर की अपनी सीमायों के भीतर दो राष्ट्रीय इतिहासिक साईटस पश्चिमी कनेडा में प्रथम तेल कूएं तथा कोयले की खाने भी मौजूद हैं।
झील के आरंभिक छोर के ऊपर एक छोटी-सी भव्य पहाड़ी है, जिसके पैरों में झील की आमद बेगाने वातावरण को अपनापन देकर सुंदर दृष्य स्थापित करती हुई जन्नत के शगुफता परिधन को प्रतिबिम्बित करती है। इस पहाड़ी के ऊपर सबसे पहले 1927 में प्रिंस आॅफ़ वेल्ज़ होटल खोला गया तथा ग्लेसियर नैशनल पार्क ;यू.एस.ए.द्ध की बस सेवा शुरू की गई। यह स्थान कनेडा तथा यू.एस.ए. के दरम्यान शान्ति, सद्भावना, सहयोग, विश्वव्यापी प्रेम, समान्ता, मानव मूल्यों का विकास, नैतिक भावना, दृष्टि दर्शन तथा देश-विदेश की मानवता का मिलन उत्त्सव बना कर एक सर्वउच्च जीवन भौतिक समृ(ि का संदेश देता है। यह दोनों सरहद्ें पार विरासत प्रबंध्न में सफारात्मिक सहयोग की प्रतीक कार्यशील मिसाल है।
इस स्थान में जीव विज्ञान के भण्डार, मानव तथा प्राकृतिक वातावरण, प्रमुख टीचे की जानकारी के आदान-प्रदान, आविष्कार, शिक्षा, प्रशिक्षण, सुधर भूमि प्रबंध्न, स्थानक प्राईवेट ज़िमीदारा, सरकारी एजैंसियां, दीर्घ स्तर के सांझे ;संयुक्तद्ध प्रोजेक्ट, मनोरंजन क्रियाएं स्थान, भव्य सुविधपूर्वक छोटे-बड़े होटल, साधरण रूप में भिन्न-भिन्न श्रेणी के अमीर पौध्े, भव्य अदभुत विज्ञान विध् िकी लैंड स्केपिंग, पर्वतों के नारंगी, किरमिची, कगीदाकारी विम्ब शिल्प के दृश्य, अपनी अस्तित्त्व को प्रमाणिक्ता देते प्रतीत होते हैं।
प्रिंस आॅफ़ वेल्ज़ होटल का एक शानदार डिज़ाईन तथा नाटकीय दृश्य इस वातावरण का सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त निशान चिन्ह् है। यह अति सुंदर होटल इस क्षेत्रा का सबसे अध्कि आकर्षण का केन्द्र है तथा बहुत महंगा ;मूल्य वालाद्ध होटल है। इस होटल से झील की समस्त लम्बाई की दूरी तथा सारा शहर नजर आता है।
दोनों देशों के विज्ञानियों की सोच को अभिवादन, सज़दा करना बनता है क्योंकि उन्होंने इन झीलों का विभाजन नहीं होने दिया क्योंकि आध्ी झील अमेरिका में तथा आध्ी झील कनेडा के क्षेत्रा में आती थी, परंतु दोनों देशें के विज्ञानियों ने संयुक्त सोच अपनाते हुए कहा, ज्ओलोजी कोई सीमाएं नहीं पहचानती तथा जैसे कि झील पड़ी है, कोई भी मनुष्य द्वारा बनाई गई सीमा पानी को अलग नहीं कर सकती।य्
इस झील के रास्ते अमेरिका की सीमा मोनटाना में पहुंचने के लिए एक शानदार एक मंज़िला करूज़ ;छोटा शिपद्ध का प्रयोग किया जाता है।
वाटरटन का प्रमुख्य आकर्षण का केन्द्र तथा विशेष महत्त्वपूर्ण मनोरंजन का साध्न है ‘करूज़’।
करूज़ में बैठ कर, खड़े होकर ही झील के ईर्द-गिर्द के खूबसूरत विभिन्न श्रेणियों के पहाड़ों का नज़ारा लिया जा सकता है। करूज़ में सफर करने के लिए टिकट लगती है तथा इसका समय निश्चित तथा निर्धरित है। सुबह दस बजे, एक बजे तथा शाम चार बजे करूज़ चलता है क्योंकि यह झील 80 किलोमीटर लम्बी है तथा करूज़के आने-जाने में दो घण्टे लगते हैं।
करूज़ में खाने-पीने का सामान नहीं मिलता। न ही कोई पख़ाना ;बाथरूमद्ध की सुविध है। खाने-पीने का सामान आप साथ ले जा सकते हैं। करूज़ निश्चित तथा निर्धरित सीटें ही होती हैं। बुकिंग एक दिन पहले करवानी पड़ती है।
करूज़ का चालक तथा उसके साथ एक सहायक मौजूद होता है जो करूज़ के चलने के साथ-साथ झील, पहाड़ों, प्राचीनता तथा आध्ुनिक इतिहास की जानकारी स्पीकर ;माईकद्ध पर देता रहता है।
जब करूज़ चलता हो तो कुछ समय के बाद ही सर-सर तेज़ हवाएं पीछे को ध्केलती हुई एक मज़ेदार नज़ारे में ले जाती हैं। ऊंची पहाड़ियों के बीच झील पर चलता करूज़ किसी जन्नत से कम प्रतीत नहीं होता। लगभग एक घण्टे के बाद अमेरिका का बार्डर ;सीमाद्ध मोनटाना आपके सामने सौंदर्य की गीतात्मक उच्कृष्टता साथ प्रस्तुत हो जाती है। एक उड़ता चुम्मन ;नोचाद्ध लेने को मन ललचाता है। वाह! की परिस्थिति लालिटयपूर्ण लय में यात्रा-संस्मरण को रोमानी उमंग से परिपूर्ण कर देती है। नीले-सफेद बिम्ब आसमान के नीचे एक सच्चा स्वर्ग। यहां झील अविस्मरणीय योगदान डाल कर बंध्ी बंधई परम्परा की लीक पीट देती है। यहां का प्रकृति प्रेम ही राष्ट्र गौरव का प्रतीक बनता है। प्राचीन और नवीन सौंदर्य का उत्सव।
करूज़ की प्रथम तथा निम्न मंज़िल तट से फोटो खींचनें का मज़ा भी अलग हो जाता है। चारों तरफ प्रकृति मूल्यों की सुंदरता और दृश्य-प्रेम भावना की दिव्य महानता मन्त्रा मध्ुर हृदय स्पन्द को आसमान तक ले जाती। पहाड़ों पर की गई विज्ञानक शिल्प-शैली की लैंडस्केपिंग जन्नत के दरवाज़े खोल देती है। यहां करूज़ रूकता है उस सरहद् के साथ 1926 के समय की कुछ निशानियां भी मौजूदर हैं।
यह सरहद् मानवीए मूल्यों की भव्यता तथा प्रेम भावना की संवेदना का संदेश देती है। यहां का प्रशासन समाज के यात्रियों के प्रति निष्ठा, कत्र्तव्य भावना को सदैव अर्पित करने की उमंग में रहता है। प्राचीनता तथा आध्ुनिकता का संयुक्त मित्राण जीवन भौतिक समु( प्रदान करता है।
झील का नीला गहरा पानी गिरगट की भांति रंग बदलता हुआ नाटकीए दृश्य बनाता है। जब करूज़ चलता है तो पीछे की ओर एैसे लगता है जैसे पानी की बड़ी मधणी से मंथन किया जा रहा हो। पानी का मंथन कई तरह का रूप बनाता है जैसे पानी के ऊपर मक्खन तैर रहा हो।
करूज़ के सहयात्राी नीति-नियमों के प्रभुत्त्व में बंध्े होते हैं। कोई भी उल्लंध्न नही कर सकता। सृजानात्मिकता तथा विचार के सांस भी बनाए रखना अनिवार्य है।झील के पिछले तट पर फोटो खिंचवाने का अपनी ही लुत्त्फ होता है। यहां के दृश्य मनोहारी तथा सुर्योवदय तथा सूर्य डूबने के दृश्य कमाल का सौंदर्य पैदा करते हैं। रंग बिरंगे वृक्षों के बीच झांकता सूर्य, पानी की झिलमिलाहट को चूमती रौशनी, पहाड़ों को छूहती रौशनी जन्नत के द्वार खोलती है। और बहुत कुछ शेष आप आकर देखें।
बलविन्दर ‘बालम’ गुरदासपुर
ओंकार नगर, गुरदासपुर ;पंजाबद्ध मो.ः 98156-25409
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