Sandip Aavad
चेहरे पर बाल रहने दो जरा
मौसम अच्छा हैं बरसने दो जरा
आज मत बोलो चुप रहो तो अच्छा
होठ से ही होठ मिलने दो जरा
ना कुछ अब कहो तुम यु लिपटे रहो
आज बाहों में पिघलने दो जरा
रोकना ना आज ऐ मेरे सनम
प्यार में तेरे यु डुबने दे जरा
मैं दिवाना और पागल ही सही
पास तो आ आग में जलने जरा
* बेवारस *
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