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Dr. Srimati Tara Singh
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चेहरे पर बाल रहने दो जरा

 

 

Sandip Aavad

 


चेहरे पर बाल रहने दो जरा
मौसम अच्छा हैं बरसने दो जरा

 

आज मत बोलो चुप रहो तो अच्छा
होठ से ही होठ मिलने दो जरा

 

ना कुछ अब कहो तुम यु लिपटे रहो
आज बाहों में पिघलने दो जरा

 

रोकना ना आज ऐ मेरे सनम
प्यार में तेरे यु डुबने दे जरा

 

मैं दिवाना और पागल ही सही
पास तो आ आग में जलने जरा

 

 

* बेवारस *


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