Sandip Aavad
यह दिन दिखाएगी मुहब्बत मालुम ही न था
करेगा आईना बगावत मालुम ही न था
न आराम न चैन दिल को है अब प्यार में मुझे
बिघड जाएगी ये तबीयत मालुम ही न था
शिकायत भी तो बेवफा से कैसै अब करु मैं
करेगी सांसे भी वकालत मालुम ही न था
* बेवारस *
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