चंद्रेश,भूतेश भुजंग ग्रीवा
विषपान नहीं समाधान सदा
करता है नमन मन-प्राण शिवा
कल्याण करो हे प्रदोष प्रभा.
संहार-सृजन की युगल क्षमता
शिव'नाम है अमृत की वर्षा
हे ओम'स्वरुप प्रखर-महिमा
अपराध करो हे देव क्षमा.
हे रूद्र न रोष कर विकट प्रहर
क्यों मौन हो बैठे शैल शिखर
हर व्यथा वेदना गौरी वर
हे सती पति शुभमय शंकर.
भारती दास ✍️
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
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