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Dr. Srimati Tara Singh
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श्री राम वन्दनम्

 

श्री राम वन्दनम्  


दशरथ-तनय सीता-प्रणय

मद-मोह भव-भय नाशनम्

हे पद्म-नेत्रम् मेघ वर्णम्

रोग-शोक विनाशनम्.

अमोघ कर धनु-सायकम्

तन पीत-वस्त्र सुशोभितम्

पुरुषोत्तमम् - सुलोचनम्

सद-आचरण दे मोक्ष मम्.

शांति-प्रिय करुणा-हिय धन्य

पुण्य सत्य विभावनम्

अच्युत-प्राण वैकुण्ठ-धाम

जय ज्ञान-वान पुरातनम्.

हे जनार्दन धरणी-धरण्

नारायणम् जय चराचरम्

ओज-तेज प्रकाश-वेग

जय वेद-विज्ञ सनातनम् .

दीन-बंधु दयालु-सिन्धु

जय सर्व-लोक परायनम्

नीरज-नयन शशि-सम बदन

इंदिरा-पति दे शुभ वरम्.

हे सर्व-दर्शी धर्म-अर्थी

श्रीनिधि कर मंगलम्

जय अनूप-रूप दुर्लभ-स्वरुप

वन्दे युगल-पद पंकजम्.

भारती दास ✍️

 

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