Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जब तुम्हारा इन लतीफों से

 

जब तुम्हारा इन लतीफों से
कभी भर जाय मन
याकि सस्ते चुटकुले करने लगें
पैदा घुटन।
लौट आना तुम,
मँजरने लग गयीं अमराइयाँ
गीत कोयल के हरेंगे
आर्त मानस की जलन॥

© बुद्धिनाथ मिश्र 

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— with Buddhinath Mishra.




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