Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अमन -चैन मरता नहीं निडर सत्य डरता नहीं

 

क़लम कभी डरती नहीं और  कवि झुकता नहीं

अमन -चैन  मरता  नहीं निडर सत्य  डरता नहीं

दीप जब  जलता है  तोडरके अँधेरा भागता  है

और रोज साथ  सूर्य  के इंसान  सोता  जागता है

निर्भीक करम करते रहोतुम रुको नहीं बढ़ते रहो

राह सच की दुश्वार है पर लिखते रहो  लिखते रहो।

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