गोलीबाज़ी रिश्तों में अच्छी नहीं साहिब।
धोखेबाजी रिश्तों में अच्छी नही साहिब।।
ज़्यादा चमकाने से दर्पण टूट जाते हैं
ज़्यादा बँधजाने से बन्धन टूट जाते हैं
ज़्यादा खनकाने से कंगन टूट जाते हैं।
सौदेबाज़ी रिश्तों में अच्छी नहीं साहिब।।
कोई सीधा सीधा चलता कोई टेढ़ा मेड़ा
हमें नहीं कतई भाता किसी बात बखेड़ा
बड़े ईमान से खैया हमने ये जीवन बेड़ा
शोशेबाजी रिश्तों में अच्छी नहीं साहिब।।
@दीपक शर्मा
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