हम एक हैं आईये दुनिया को दिखाइये
घर घर में ग़ुरूरो शान से तिरंगा फहराइये।
पुरज़ोर आवाज़ में अदब से राष्ट्रगान गाईये
भारत माता की जय का जयकारा लगाइये।
है अमृतोत्सव आज़ादी का मन से मनाईये
वीरों की वीर कहानियाँ बच्चों को सुनाईये।
आहुति कैसे शहीदों ने था ख़ुद को बनाया
बिस्मिल की ग़ज़ल गर्व से ज़रा गुनगुनाइए।
मज़हब से पहले देश है भारत मेरा प्यारा
मौका भी है दस्तूर भी है चलिये दिखाइये।
मेरा भी हो सौभाग्य लिपट आऊँ तिरंगे में
दीपक को अवसर ऐसा श्रीराम दिलाइये।
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