15 अगस्त ज़िंदाबाद
इस देश मे जन्मा पला हुआ बड़ा
इस देश ने पोसा हमें किया खड़ा
माँ बाप से भी पहले है हिन्दुस्ताँ
मेरे भारत तुझ पर कुर्बां मेरी जाँ।।
कोख से तेरी जो उपजे खाते हम
प्यास बहती सरिता से बुझाते हम
तेरे दम से ही हमारा जग में दम
वर्ना किसी का है कहाँ वज़ूद यहाँ।।
गर्व है कि आज ये कायनात सारी
वेद गीता और पुराणों की बलिहारी
पर भेदियों की घर के देखिये गद्दारी
कहते हैं प्रमाण दो कि अस्तित्व कहाँ।।
आश्वत रह माँ भारती ना शोक कर
जब तक हैं तेरे लाल धरतीलोक पर
कभी आँच न आयेगी तेरी आन पर
शत्रु का मिट जायेगा जड़ से निशाँ।।
है अमर ज्योति तेरी दीपक ज्वाला
ओढ़े सदा माँ भारती भगवा दुशाला
जयघोष वंदे मातरम सबसे निराला
आज़ाद है आज़ाद रहेगा हिन्दुस्ताँ।
सर्वाधिकार @ दीपक शर्मा
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