Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जन्माष्टमी पर

 
पूरी होगी  हर अभिलाषा
मनोकामना सफल इरादे
एक शर्त  है  किन्तु  प्यारे
सुबह शाम भज राधे राधे।
 
कृष्ण मुरारी, तुम गिरधारी
रास बिहारी ,मुकुट बिहारी
भोले-भाले बड़े सीधे-साधे
श्याम कहें स्वयं राधे  राधे।

दाऊ ,सुदामा ,गोपी,ग्वाला 
टेरत कन्हैया,कहें नंदलाला 
मुरली से वही तान सुना दो
लहरी है जिसकी राधे -राधे। 

* डॉ. दीपक शर्मा *




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