पूरी होगी हर अभिलाषा
मनोकामना सफल इरादे
एक शर्त है किन्तु प्यारे
सुबह शाम भज राधे राधे।
कृष्ण मुरारी, तुम गिरधारी
रास बिहारी ,मुकुट बिहारी
भोले-भाले बड़े सीधे-साधे
श्याम कहें स्वयं राधे राधे।
दाऊ ,सुदामा ,गोपी,ग्वाला
टेरत कन्हैया,कहें नंदलाला
मुरली से वही तान सुना दो
लहरी है जिसकी राधे -राधे।
* डॉ. दीपक शर्मा *
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