सुनो सनातनी! जानो महिमा, क्या देवदिवाली कार्तिक पूर्णिमा
तुम भूल गए कितना दिन पावन, कितनी इसकी ऊँची गरिमा।
@ डॉ दीपक शर्मा
हरि ने पहला अवतार धरा था सब दुष्टों का संहार करा था
बने सप्तऋषि वेदों के रक्षक, सत्यव्रत का उद्धार करा था
छः कृतिका की छटा बिखरते,नभ में आज दीखेगा चन्द्रमा
तुम भूल गए कितना दिन पावन,कितनी इसकी ऊँची गरिमा।
भोले शिव ने इस जग को तारा,त्रिपुरासुर महाराक्षस मारा
महादेव को कह त्रिपुरारी, स्वम् देवों ने इसी दिन उच्चारा
इसलिए कार्तिक पूर्णिमा ही, कही जाती है त्रिपुरी पूर्णिमा
तुम भूल गए कितना दिन पावन,कितनी इसकी ऊँची गरिमा।
इस धरती के पावन मंडल में , तुलसी माँ का जन्म हुआ था
श्रीकृष्ण ने राधा पूजीं थीं ,गौलोक में राधा उत्सव हुआ था
गंगा स्नान दान,अर्घ्य दीपदान ,दूर करें हतभाग्य की कालिमा
तुम भूल गए कितना दिन पावन, कितनी इसकी ऊँची गरिमा।
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