Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आज दिलों में अपने हमको

 

 

आज दिलों में अपने हमको, शान्ति दीप जलाना होगा,

नफ़रत का संसार मिटाकर, प्यार उजाला लाना होगा।

खेल चुके हैं खेल बहुत, अलगाववाद और आरक्षण का,

ज्ञानवान- विद्वान बनाकर, विकसित राष्ट्र बनाना होगा।

भ्रष्टाचार के जो भी पोषक, हैं आतंकवाद के अनुयायी,

देश प्रेम की अलख जगाकर, उन दुष्टों को निपटाना होगा।

वेद ऋचाएँ ज्ञान पुँज हैं, सदा विश्व को राह दिखाती,

गीता का भी सार समझकर, धर्मयुद्ध अपनाना होगा।

संस्कारों का पालन हो और सभ्यता- संस्कृति का संरक्षण,

धर्मनिरपेक्ष ढोंगी लोगों से, भारत देश बचाना होगा।

 

 

 

डॉ अ कीर्तिवर्धन

 

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