अंत अगर पहले लिख जाये,
समय निकट अहसास कराये,
जीवन पथ में सृजन करें कुछ,
जो सकारात्मक राह दिखाये।
चहुँ ओर अंधकार घिरा हो,
बचपन व्याकुल मचल रहा हो,
शिक्षा के तब दीप जलाकर,
बचपन को नयी राह बतायें।
सब कुछ पाने के चक्कर में,
कुछ के सुख को क्यों भूल रहे?
छद्म लालसा जब दूर भगायी,
सन्तुष्टि जीवन में आ जाये।
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY