Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बदलता दौर

 

बदलता दौर

बदल गया वह दौर पुराना, माँ की लौरी सुनते थे, 

मोबाइल पर गाने सुनकर, अब बच्चे सो जाते हैं। 
माँ का आँचल बात पुरानी, भूली बिसरी बात हुई, 
नवजात शिशु भी अब, तन्हा पलने में सो जाते हैं। 
माँ दूध नहीं पिलाती, अपने छोटे भूखे बच्चे को, 
बोतल पीकर जीना सीखा, बोतल पी सो जाते हैं। 
माँ की गोद नहीं मिलती, उसमें पप्पी खेला करते, 
आया की गोद पले बच्चे, उसकी गोद सो जाते हैं। 

 डॉ अ कीर्ति वर्द्धन

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