Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बसंत की कब बात होगी

 

गर एक सा मौसम रहेगा, 

न कभी बरसात होगी, 

ग्रीष्म ऋतु की दोपहरी शरद की न रात होगी, 

तब बता मुझको सखी, बसंत की कब बात होगी? 

पपीहे की आवाज क्या कूक कोयल कहानियों की बात होगी 

तितलियां कैसे चुराती पुष्प से रंग न मधुकर से मुलाक़ात होगी। 

न दिखेगा कलियों को चूमता जब भंवरा कहीं 

कलियों का चटखटे दिख जाना हे सखी 

ख्वाब की तब बात होगी। अ कीर्ति वर्द्धन


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