बसंत आगमन, ऋतू परिवर्तन,
पीत पत्तों का रुदन, नव श्रृष्टि का सृजन ।
पशु पक्षियों का कलरव, मानव के मन में धड़कन ,
भोरों का बढ़ता गुंजन, उपवन में बढती थिरकन ।
शिशिर ऋतु का हुआ अंत, नई फसलों का शुरू आगमन,
घर-घर में उत्सव भारी, बसंत आगमन, प्रफुल्लित मन ।
जीवन के प्रति करे उमंगित, बसंत सदा ही करे तरंगित ,
जीवन में रस भर देता, खुशिओं से भर देता तन मन ।
नव श्रृष्टि को अंकुरित करता, जीवन में आशाएं भरता,
उपवन में पुष्पों को भरता, भोरों को देता गुंजन ।
जीवन को गति देता, परिवर्तन का करता स्वागत,
नव श्रृष्टि का करता सृजन, बसंत आगमन, बसंत आगमन ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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