Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बसंत आगमन

 

बसंत आगमन, ऋतू परिवर्तन,

पीत पत्तों का रुदन, नव श्रृष्टि का सृजन ।

 

पशु पक्षियों का कलरव, मानव के मन में धड़कन ,

भोरों का बढ़ता गुंजन, उपवन में बढती थिरकन ।

 

शिशिर ऋतु का हुआ अंत, नई फसलों का शुरू आगमन,

घर-घर में उत्सव भारी, बसंत आगमन, प्रफुल्लित मन ।

 

जीवन के प्रति करे उमंगित, बसंत सदा ही करे तरंगित ,

जीवन में रस भर देता, खुशिओं से भर देता तन मन ।

 

नव श्रृष्टि को अंकुरित करता, जीवन में आशाएं भरता,

उपवन में पुष्पों को भरता, भोरों को देता गुंजन ।

 

जीवन को गति देता, परिवर्तन का करता स्वागत,

नव श्रृष्टि का करता सृजन, बसंत आगमन, बसंत आगमन ।

 

 

 

 

 

डॉ अ कीर्तिवर्धन

 

 

 

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