Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

चीन की औकात नहीं

 

चीन की औकात नहीं ,जो हमसे यूँ टकरा जाए ,
कोई भेदी घर का है , पहले उसको ढूंढा जाए।
ख़ामोशी भी गद्दारी है , जब निर्णय लेने में देरी हो ,
सेना को अधिकार सौंप दो,पेइचिंग तक दौडाया जाए ।
सोच रहा जो रण क्षेत्र में ,सन 62 को दोहराने की ,
समय आ गया आज बता दो, तिब्बत भी लौटाया जाए ।
देश के ऊपर संकट हो , कोई कुर्सी की बात करे ,
सत्ता के जोंकों को भी,आज सबक सिखाया जाए ।
आँख उठे जो मुल्क पर,आँख निकाल बहार करो ,
व्यापार पर रोक लगाओ, उसको घर पहुंचाया जाए ।

 

 

डॉ अ कीर्तिवर्धन

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ