Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

काश इस ईद पर कुछ ऐसा कर पाते

 
काश इस ईद पर कुछ ऐसा कर पाते,
निर्दोष पशुओं को मरने से बचा पाते।
जानवर भी देते दुवायें बकरीद पर हमें,
हम अपना कोई ऐब कुर्बान कर पाते।
न होती दीद किसी खास की भले ही,
दुवाओं में किसी खास की खास बन पाते।
बेजुबां है मगर वो भी अहसास रखते हैं,
उसकी आंख में दर्द का दीदार कर पाते।
होती जब आमद खुदा के दर पर हमारी,
गुनाहों में कमी की फरियाद कर पाते।

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ