Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मैं भारत की बेटी हूँ..

 

 

संस्कारों की नीव जमाती , हर पल आगे बढ़ती जाती ,
वेद ऋचाओं में भी मैं हूँ , आज गगन में पैर जमाती ,
नहीं किसी से हेठी हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |

 

मात पिता की सेवा करती , सास ससुर के मन भाती,
नन्हे -नन्हे कोमल मन पर , ममता का संसार लुटाती ,
ज्ञान दीप की ज्योति हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |

 

लक्ष्मी ,सरस्वती और पार्वती , देवी जैसा मान भी पाया ,
धरती,अम्बर और अनल तक , विजय ध्वज मैंने फहराया ,
ममता की अनुभूति हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |

 

सीता जैसी पतिव्रता हूँ , राधा जैसी प्रेम दीवानी,
जब-जब संकट पड़ा देश पर , लक्ष्मी हूँ झाँसी की रानी ,
अंग्रेजों की काल कटी हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |


इंदिरा जैसी सत्ता शीर्ष पर , कल्पना सी पहचान बनी हूँ,
साहित्य में महादेवी हूँ , हर घर की मैं रानी हूँ,
शिक्षा के दीप जलाती हूँ , मैं भारत की बेटी हूँ |

 


डॉ अ कीर्तिवर्धन

 

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ