Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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परिवार

 

परिवार

 पापा 

पापा मेरे सबसे प्यारे 
 सारे संकट हरने वाले। 
सबका रखते हरदम ध्यान 
 मुझको हैं उन पर अभिमान। 

 भैया 
भैया की है बात निराली 
सूरत उसकी भोली भाली। 
दौड़ दौड़ कर करते काम 
 चेहरे पर लेकर मुस्कान। 

 बहन 
बहना मेरी गुड़िया जैसी 
आँखें उसकी हिरणी जैसी। 
मम्मी का वह हाथ बँटाती 
घर में सबके मन को भाती। 

 माँ 

 माँ की ममता रूप सलोना 
हर संकट में हँसते रहना। 
रिश्तों का संसार बनाती 
सारे घर पर प्यार लुटाती। 

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
५३ महालक्ष्मी एनक्लेव मुज़फ़्फ़रनगर उ प्र भारत 
८२६५८२१८००

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