शास्त्रों के ज्ञान पर अनुसंधान होना चाहिए,
ग्रहों तक आवागमन था, भान होना चाहिए।
हनुमान ने खा लिया था, सूर्य को फल समझ,
सूरज की दूरी चालीसा मे, ज्ञान होना चाहिए।
सप्तलोक के ज्ञान की चर्चा, अपने ग्रंथ पुराणों में,
त्रिशंकु स्वर्ग गमन का वर्णन, अपने ग्रंथ पुराणों में।
नारद मुनि तो नित दिन ही, सप्तलोक घूमा करते थे,
भविष्य के विमानों की चर्चा, अपने ग्रंथ पुराणों में।
अस्त्र शस्त्र आयुध की बातें, हमारे ग्रंथ पुराणों में,
आयुर्वेद विज्ञान की बातें भी, हमारे ग्रंथ पुराणों में।
अणु परमाणु की उत्पत्ति, ग्रह नक्षत्रों की चाल का ज्ञान,
काल गर्भ में छिपा हुआ क्या, हमारे ग्रंथ पुराणों में।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
53 महालक्ष्मी एनक्लेव
मुज़फ़्फ़रनगर 251001 उत्तर प्रदेश
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY