Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शिक्षित होना आगे बढ़ना

 
शिक्षित होना आगे बढ़ना, लक्ष्य मैंने मान लिया,ज्ञान मिलेगा जहां कहीं से, मैंने पाना ठान लिया।कोरोना का काल चल रहा, बन्द पड़े विद्यालय,
घर पर रहकर लिखना पढ़ना, उद्देश्य जान लिया।

शिक्षा से बनते ज्ञानवान, मां ने मुझको बतलाया,
शिक्षित होकर आगे बढ़ते, गुरू जनों ने सिखलाया।
संस्कार संस्कृति क्या, इतिहास भूगोल की बातें हों,
धरती अम्बर और अनल में, छिपा रहस्य दिखलाया।

मैं भारत की बेटी हूं, कभी नहीं पीछे रहती हूं,
वेद ऋचाओं में भी देखो, बनी विदुषी रहती हूं।
अंतरिक्ष तक उड़ान मेरी, कल्पना सी पहचान है,
साहित्य या राजनीति, सदा शिखर पर रहती हूं।

युद्ध क्षेत्र में मैंने हरदम, अपना परचम फहराया,
लक्ष्मी जैसी वीरांगना बन, नारी साहस दिखलाया।
मां- पापा की परी हूं मैं, भैया की प्यारी बहना,
खेलों में भी आगे रहना, दादी ने मुझको समझाया।


अ कीर्ति वर्द्धन




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