Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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धर्म कर्म- अध्यात्म का

 
धर्म कर्म- अध्यात्म का, कैसे हो प्रसार,
ज्ञानी जन चिंतन करें, इस पर करें विचार।
गीता हो अनिवार्य, औ’ बने राष्ट्र की शान,
बुद्धि कर्म के योग से, हो दुनिया का उद्धार।

शस्त्र शास्त्र के ज्ञान संग, हो विज्ञान अभियान,
अधर्म का नाश कर, राष्ट्र धर्म मार्ग अभियान।
मानवता रहे सर्वोपरि, बने दया धर्म का मूल,
राम राज्य अवधारणा, हो विश्व गुरू अभियान।

अ कीर्ति वर्द्धन

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