Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नये दौर में चिराग़ों को, भला कौन याद करता है

 
नये दौर में चिराग़ों को, भला कौन याद करता है,
जब कभी बिजली गयी, तभी फ़रियाद करता है।
दरिया के किनारे पर, भँवर का डर किसे कैसा,
तैरती कश्ती में मौजें, भँवर में प्रभु को याद करता है।
बनाया है मालिक ने, किसी के काम आ सकें हम,
मुसीबत में हो कभी कोई, तभी हमसे बात करता है।
रहे भगवान की कृपा, किसी के काम हम आयें,
दुश्मन के भी काम आयें, जो हमसे चाह करता है।

अ कीर्ति वर्द्धन

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