Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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समर्पण हो हमारा सदा प्रभु के चरणों में

 
समर्पण हो हमारा सदा प्रभु के चरणों में,
अर्पण हो सर्वस्व अपना प्रभु के चरणों में।
दुख में भी ख़ुश रहें सुख में उसे भूलें नही,
तर्पण अहंकार का करें प्रभु के चरणों में।

अ कीर्ति वर्द्धन


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