हो अगर सुकून दिल में, उसके बाद और क्या,
जो मिला वही क़िस्मत, उसके बाद और क्या?
कोशिशें जारी रहें, बेहतर से बेहतर कर सकें,
बस कर्म पर अधिकार, उसके बाद और क्या?
कर्म करना आगे बढ़ना, सार गीता में बताया,
फल की इच्छा न रहे, उसके बाद और क्या?
काम आयें हम किसी के, जीवन की सार्थकता,
मानवता हित जी सकें, उसके बाद और क्या?
डॉ अ कीर्ति वर्धन
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