Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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पत्नी घुड़की दे रही, लेकर बेलन हाथ

 

पत्नी घुड़की दे रही, लेकर बेलन हाथ, 

मुझे चाहिए हार एक, कंगन भी हों साथ। 
कंगन भी हों साथ, साथ में हीरे के झुमके, 
ला देना इस बार, नहीं तो लगवा दूँगी ठुमकें। 
कह कीर्ति कविराय, नये दौर में आफ़त इतनी, 
नहीं दिये लाकर तो, रूठ जायेगी प्यारी पत्नी। 

 डॉ अ कीर्ति वर्द्धन मुज़फ़्फ़रनगर 

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