Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नागफनी

 
रोते हुए बच्चे को लोग, जब भी मनाने आयेंगे,
देखकर उसकी हरकत, खुद रोने लग जायेंगे।
हैं अजब सा दौर, किसको क्या समझायें हम,
जिसको हम समझाने गये, वो ही हमें समझायेंगे।
मां बाप का नाज बेटी, बेटों से ज्यादा प्यारी लगे,
ससुराल में उसके द्वारा, सास ससुर सताये जायेंगे।
न खिंचे दिवार घर में, भाई से भाई न हो जुदा,
बस इसी कोशिश की सजा, बाबा निकालें जायेंगे।
दीवार तो घर में खिंचेगी, फैसला बहुओं का था,
हंसते खेलते परिवार में, अब नागफनी उग जायेंगे।

अ कीर्ति वर्द्धन

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