क्या करें रोमांस इनसे, जाने न इश्क का कहकरा,
नकली चेहरा, नकली हँसी, झूठी इनकी हर अदा|
दिखलाकर नकली अदायें, अमीरजादों से खेलती,
जेब पर इनकी निगाहें, बस यही इनका फलसफा|
इश्क करना हर उम्र में, दिल जवां होने की निशानी,
इसिलिए तो घर परिवार, बच्चों से इश्क करता रहा|
अ कीर्ति वर्धन
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