Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मकसद

 


मकसद की पहले तलाश कर
फिर जाने की बात कर
इस दुनिया से लेने के पहले
कुछ देने की बात कर।

 

 

जिंदगी ढ़ो ली बहुत मगर
अब जीने की बात कर
किस्मत का रोना रोया बहुत
अब हँसने की बात कर ।

 

 

बेईमानों की सही बहुत
अब ईमान की बात कर
स्वार्थ के रिष्ते नाते सब
अपनेपन की बात कर।

 

 

जुदा-जुदा हम चले बहुत
साथ चलने की बात कर
बंधकर-सिसक कर जिए बहुत
अब उड़ने की बात कर।

 

 

लड़ाई झगड़े से तौबा कर तू
सुलह मोहब्बत की बात कर
चुभोने दे नष्तर दुनिया को
तू फूलों की बरसात कर।

 

 

डाँ आरती कुमारी

 

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