Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जिसका अपने वतन पर ईमान नहीं है

 
जिसका अपने वतन पर ईमान  नहीं  है
हिन्दू क्या शख़्स वो  मुसलमान  नहीं है।

पहले वतन से मज़हब जिहादी फितूर है
आईन  से  बड़ी  गीता  क़ुरआन  नहीं है।

जौहर  माँगती   है  बलिदान   माँगती है
भगवा  की  राहें  इतनी आसान नहीं  है।

बहता जिन रगो में उन्मादियों का खूँ हो
ऐसे  जाहिलों का ये हिन्दुस्तान नहीं  है।
 
तन पर सजे तिरंगा जग रोये ज़ार -ज़ार 
'दीपक' कोई बड़ा इससे सम्मान नहीं हैं।
@ डॉ दीपक शर्मा

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