26 जनवरी की शुभकामनाएं
हिन्दुस्तान ही मेरा परिचय

जय जय भारत मात भवानी
संविधान से अस्तित्व हमारा
श्वेत हरित केसर सी वाणी।।
है राष्ट्रधर्म ही धर्म सभी का
शेष सभी मिथ्या छल फेरा
गूँजता हिय में एक ही नारा
वंदे मातरम वंदे मातरम।।
संविधान की ओट में छिपकर
षड्यंत्र कर रहे जो कुलघाती
इतना सुन लो जयचंद ग़द्दारो
डायन भी निजघर न खाती।
अब भी वक़्त है सुनो बेशरम
खाली पीली क्यों पाले हो भ्रम
मन से बोलोगे सब पाप धुलेंगें।
वंदे मातरम वंदे मातरम।।
@ डॉ.दीपक शर्मा
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY