आज अट्ठावन,कल उनसठ।।
आज अट्ठावन साल का युवा हो गया हूँ
प्रमाण हैं इसके भी,दर्ज है जूनियर से
डिग्रियों तक दस्तावेजों मे, आश्वस्त हूँ
आज अट्ठावन कदम जीवंन के पूरा कर
उनसठ के दरवाजे पर दस्तक दे चुका हूँ.....
मानता हूँ ये अट्ठावन संघर्षमय बीते
नसीबदार हूँ कठिन वक्त ने तराश दिया
चमकता हुआ वजूद वक्त की तो देन है
आदमी ने कहा छोड़ा था,अपनो ने भी
असि की थार पर खड़ा था कर दिया
गम के साये ने मौत की गोद मे था दे दिया
मुहब्बत ने अपनों की जीवन निखार दिया....
जिद तो है अपनी सम्मान के साथ जीने की
शब्द-ब्रह्म ही तो है सारी बलायें पी लेता है
हसीन लम्हों मे जीने का सुखद मौका देता है
कृतज्ञ हूँ हर अपनो का यात्रा मे जो साथ रहे
घात-प्रतिघात की ना करूं परवाह,साक्षी तो रहे....
क्षमा करता हूँ मैं उन्हें जो गुर्दे अपने छिल दिए
माफी की याचना है अपनों से अपनोँ की
उम्मीदवश यही कि अपनी जहां के लोग
स्वास्थ्य, सम्पन्नता, सफलता और खुशी संग जीये
उनसठ के द्वार से मेरी दस्तक भी आगे-आगे चले.....
शुक्रगुजार हूँ वक्त के साथ अपनों का गैरों का भी
जीवन की अट्ठावन सीढियां चढ जाने के बाद
आगे और पीछे भी अपनो की हाजिरी चाहिए
एक दूसरे का साथ और हाथ मे हाथ चाहिए
जीने के लिए बस ईमानदारी से साथ चाहिए
कौन देगा कौन नहीं यह तो जानता नहीं हूँ
अपने बारे मे तो जानता हूँ कि अपनों के बिना
जी नहीं सकता हूँ.......
आज उनसठ के द्वार पर पहुंच चुका हूँ
अपनों की मुहब्बतों के बदौलत,
आगे भी यही चाहिए मिलेगा भी..... यकीन है
धन्यवाद तुम्हें मात्रृभूमि-कर्मभूमि,
कलम के सिपाही भी
क्षमा कर देना अपने और पराये अदने को
जीवन के सुर रचते रहे बसते रहे इबारत
आज मैं अट्ठावन साल की जीवन यात्रा के पार
उनसठ के द्वार दस्तक दे चुका हूँ
आगे और आगे बढना चाहता हूँ
वफादारी के साथ साथ चाहता हूँ.....
उम्र बढती रही युवा बना रही
आपकी दुआओं संग साथ चाहता
जिन्दा रहने के लिए आश्वासन की
आक्सीजन चाहता हूँ
नववर्ष 2021 की शुभकामनाओं के साथ
आदाब, सलाम प्रणाम करता हूँ......
नन्द लाल भारती
31/12/2020
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