अभिमान
अरविन्द बाबू मार्निंग वाक् से आ रहे हो कहीं से मार खाकर। सुबह-सुबह ये क्या हाल बना रखे हो ।
लाख इज्ज़त बचाओ, सरल-सहज बने रहो पर लोग है कि इज्ज़त बचाने का मौंका नहीं देता । कुछ लोग इतने ओवर लोडेड हैं कि इज्ज़त का बलात्कार करने से नहीं चूकते चचा जान अरविन्द बाबू बोले ।
मामला बहुत गम्भीर लगता है बताओगे क्या चचा जान बोले ?
कल से रसोई में लाईट नहीं जल रही है।शिकायत लिखकर भी आया हूँ। कई बार फोन भी किया आखिर में रात के नौ बजे सम्पर्क हुआ वह आदमी अर्ध निद्रा मे बदतमीजी किया और कम्पनी को गाली देते हुए फोन रख दिया।
सुबह-सुबह फिर चले गए चचाजान पूछे ?
हां चचा जान दो दिन कीचन मे लाईट नहीं है।वैसे शिफ्ट मे तो कोई न कोई मिल सकता था । यही सोच कर सात बजे गया । शायद वह सो रहा था ।वह आदमी तो गालियां देने लगा।मै वापस हो लिया वह भौंकता हुआ मिल्क सेण्टर के अन्दर तक आ गया। लोग मुंह फेर कर चले जा रहे थे।आखिर मे डी टाईप बंगले मे रहने वाले सज्जन उसे जबरदस्ती पकड़ कर ले गए ।
आदमी था या कुत्ता चचा जान बोले ।
पहले तो नाम पता नहीं था बाद पूछताछ करने पर किसी ने बताया उसका नाम सूरतवाल बदमाश नीलेश मोदी है।
अच्छा तो ये उपनाम का अभिमान था ।
नन्द लाल भारती
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