Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अदना भी ख़ास हो जायेगा

 

 

मिल जाए असली आज़ादी
संविधान हो जाए,पूरी तरह लागू
अपनी जहां में,अदना भी
शिखर तक पहुँच जायेगा ..........
लोकतंत्र का मकसद
समता -सदभावना ,सबका कल्याण
जातिनिपेक्षता,धर्मनिरपेक्षता
इंसान को इंसान होने का
सुख मिल जाएगा ..........
संविधान अपना ऋतु बसंत
सुप्रभात हुआ
अदने की अभिलाषा का भी
विस्तार हुआ ,
कैद नसीब के मालिक का
उध्दार हो जायेगा ..........
मिट जाए निशान
भेदभाव का अपनी जहां से
बहुजन हिताय बहुजन सुखाय का'
सदभाव कुसुमित हो जाएगा ..........
अपनी जहां में
संविधान की छाँव
बीत गयीं वो कारी रातेँ
ना होगा अब शोषित -अभिशापित कोई
समता-सदभाव का अभ्युदय
अपनी जहां में हो जाएगा ..........
होगी स्वर्णिम आभा अपनी जहां में
हर नर का होगा राष्ट्र-धर्म
लोकतंत्र के युग में
अदना भी ख़ास हो जायेगा ..........

 

 


डॉ नन्द लाल भारती

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