भारत की कहानी
हमारा स्वाभिमान है
हम भारतवासी है
हमारा सौभाग्य है
आज आजादी का
अमृत महोत्सव है......
हर्षोल्लास के तराने हैं
तरानों के पीछे
कत्लेआम के दर्द है
भारी
सूली है गोली है
लहू की नदियां
और झरने भी है
आज वे मौंन हैं.....
गरुर होगा उन्हें भी
शहीद हुए जो देश के लिए
पीछे अपने अपनी
जहां छोड़ कर
अनगिनत शहादत
रिसते हुए बदन
तड़पती हूई सांसो की
रोशनाई से लिखी हुई
आजादी की दास्तान
अमृत महोत्सव है.....
आजादी को बेपनाह
मुहब्बत करने वाले लोग
खुद के जीवन को
कर दिया था
सूली के हवाले
वाह रे अमरशहीद
सच्चे देश के रखवाले.....
शहीदों के सपनों को
हमें जीना है
अस्मिता को हमें संघे शक्ति के
मोतियों से जोडें रखना है
यही है हमारी जिम्मेदारी
आजादी ना किसी जाति की है
ना धर्म की
सामूहिक जिम्मेदारी है
हमारी -तुम्हारी.......
सूरज की आखिरी चमक
चांद की आखिरी शीतलता तक
अलंकृत रहे शहीदों के सपने
गूंजते रहें आजादी के तराने
विश्व गुरु बना रहे
स्वाभिमान अपना
भारत
दुनिया के नक्शे पर
सुशोभित रहे हमारी
भारतीयता
संकल्प लेना है.......
अमृत महोत्सव से उपजे
उल्लास से
रंग देना है अपनी जहां
जाति धर्म की बात नहीं
देश की बात होगी
संविधान के शब्द को
अम्ल करने का वादा
करना होगा
जातिवाद -नफरत की
फसल उगाने वालों का
बहिष्कार करना होगा....
अपने स्वाभिमान को
जगाना है
भारतीयता के रंग में
डूब जाना है
आओ करें खुद से वादा
देशहित मे जीना
और
देशहित में मर जाना है......
आजादी के जश्न को
हवा के आखिरी झोंके
समन्दर की आखिरी बूंद तक
सम्भाले रखना है
यही है हमारी मन्नत
शहीदों के सपनों से
श्रृंगारित भारत हमारी
जन्नत है.......
समन्दर मे पानी
सूरज में तेज रहे
मृत्यु लोक की मांटी
जब तक
तब तक भारत की
अलंकृत रहे कहानी ।
डां नन्द लाल भारती
14/08/2021
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